ट्रम्प के खिलाफ फिर महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा, पद पर रहते दूसरी बार इसका सामना करने वाले पहले US प्रेसिडेंट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। 20 जनवरी को प्रेसिडेंट इलेक्ट यानी जो बाइडेन का शपथ ग्रहण कार्यक्रम है यानी ट्रम्प अब अपने पद पर सिर्फ 9 दिन और रहेंगे। इस बीच, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (HOR) की अध्यक्ष नेंसी पेलोसी ने रविवार को ट्रम्प पर महाभियोग प्रस्ताव लाने की अनुमति दे दी है। ट्रम्प पर आरोप है कि 7 जनवरी को उन्होंने अपने समर्थकों को भड़काने का काम किया। इसी के चलते संसद (कैपिटल हिल) में हुई हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई।

अखबार द हिल के मुताबिक, पेलोसी ने कहा कि हिंसा के मद्देनजर उपराष्ट्रपति माइक पेंस की जिम्मेदारी बनती है कि वे 25वें संशोधन के तहत ट्रम्प को उनके पद से हटाएं। डेमोक्रेट्स को लिखे पत्र में पेलोसी ने कहा कि अगर पेंस को कार्रवाई नहीं करते, उस स्थिति में महाभियोग पर वोटिंग होगी। अमेरिकी इतिहास में ट्रम्प पहले ऐसे राष्ट्रपति होंगे, जिन पर कार्यकाल में दूसरी बार महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा।

‘संविधान और लोकतंत्र को बचाना है’
पत्र में पेलोसी ने लिखा, ‘हमारे ऊपर संविधान और लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी है, लिहाजा हमें तुरंत एक्शन लेना होगा। राष्ट्रपति से इन दोनों (संविधान और लोकतंत्र) को खतरा है। जैसे-जैसे दिन गुजरते जाएंगे, राष्ट्रपति द्वारा डेमोक्रेसी को नुकसान पहुंचाने की आशंका बढ़ती जाएगी।’

वहीं, रिपब्लिकंस ने भी डेमोक्रेट्स को चेतावनी दी है कि वे सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया में कोई तल्खी न दिखाएं। इस प्रोसेस को आराम से होने दें।

ट्रम्प का हर तरफ विरोध
रिपब्लिकन पार्टी के करीब 100 सांसद ऐसे हैं जिन्होंने साफ तौर पर गुरुवार की हिंसक घटनाओं के लिए सीधे तौर पर अपने नेता और राष्ट्रपति ट्रम्प को जिम्मेदार ठहराया। व्हाइट हाउस के डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी ऑफिसर, एजुकेशन मिनिस्टर और तमाम मेंबर्स ऐसे हैं जिन्होंने इस्तीफे दे दिए।

7 जनवरी को क्या हुआ था?
अमेरिका में वोटिंग (3 नवंबर) के 64 दिन बाद संसद जो बाइडेन की जीत पर मुहर लगाने जुटी तो अमेरिकी लोकतंत्र शर्मसार हो गया। ट्रम्प के समर्थक दंगाइयों में तब्दील हो गए। कैपिटल हॉल में तोड़फोड़ और हिंसा की। यूएस कैपिटल वही बिल्डिंग है, जहां अमेरिकी संसद के दोनों सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट हैं। कुछ वक्त तक संसद की कार्यवाही रोक दी गई थी।

206 साल बाद अमेरिकी संसद में हिंसा हुई
यूएस कैपिटल हिस्टोरिकल सोसाइटी के डायरेक्टर सैम्युअल हॉलिडे ने CNN को बताया था कि 24 अगस्त 1814 में ब्रिटेन ने अमेरिका पर हमला कर दिया था। अमेरिकी सेना की हार के बाद ब्रिटिश सैनिकों ने यूएस कैपिटल में आग लगा दी थी। तब से अब तक पिछले 206 साल में अमेरिकी संसद पर ऐसा हमला नहीं हुआ।

पिछले साल भी लाया गया था महाभियोग प्रस्ताव
ट्रम्प के खिलाफ पिछले साल भी महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। HOR में डेमोक्रेट्स के बहुमत के चलते यह पास हो गया था, लेकिन सीनेट में रिपब्लिकंस की मेजोरिटी के चलते गिर गया। ट्रम्प पर आरोप था कि उन्होंने बाइडेन के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए यूक्रेन पर दबाव डाला था। निजी और सियासी फायदे के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए 2020 राष्‍ट्रपति चुनाव में अपने पक्ष में यूक्रेन से मदद मांगी थी।

अमेरिका में राष्ट्रपति के खिलाफ अभियोग के मामले

  • 1868 में अमेरिकी राष्ट्रपति एंड्रयू जॉनसन के खिलाफ अपराध और दुराचार के आरोपों पर हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में महाभियोग प्रस्ताव पास हुआ। उनके खिलाफ संसद में आरोपों के 11 आर्टिकल्स पेश किए गए। हालांकि, सीनेट में वोटिंग के दौरान जॉनसन के पक्ष में वोटिंग हुई और वे राष्ट्रपति पद से हटने से बच गए।
  • 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ भी महाभियोग लाया गया था। उन पर व्हाइट हाउस में इंटर्न रही मोनिका लेवेंस्की ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उन्हें पद से हटाने के लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में मंजूरी मिल गई थी, लेकिन सीनेट में बहुमत नहीं मिल पाया।
  • वॉटरगेट स्कैंडल में पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन (1969-74) के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई होने वाली थी, लेकिन उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया। उन पर अपने एक विरोधी की जासूसी का आरोप लगा था।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
The impeachment motion will be brought against Trump again, the first US president to face it for the second time while in office


source https://www.bhaskar.com/international/news/the-impeachment-motion-will-be-brought-against-trump-again-the-first-us-president-to-face-it-for-the-second-time-while-in-office-128111912.html
Previous Post Next Post
Loading...