गीतांजलि राव पहली किड ऑफ द इयर चुनी गईं, ड्रग्स और साइबर बुलींग के खिलाफ काम किया

भारतीय मूल की अमेरिकी गीतांजलि राव को टाइम मैगजीन ने किड ऑफ द इयर चुना है। गीतांजलि महज 15 साल की हैं, लेकिन उन्होंने साइंस से जुड़ी कामयाबियां हासिल की हैं। टाइम मैगजीन ने गीतांजलि को साइंटिस्ट और इनवेंटर बताया है। मैगजीन ने पहली बार इस कैटेगरी में किसी को चुना है।

टाइम के मुताबिक, गीतांजलि ने पीने के पानी में प्रदूषण रोकने, अफीम की लत छुड़ाने और साइबर बुलींग रोकने के लिए शानदार काम किया है। इसलिए मैगजीन ने अपने कवर पेज पर उन्हें जगह दी है। उन्होंने इन समस्याओं को दूर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से ऐप और क्राेम एक्सटेंशन तैयार किए।
मैगजीन को पहले किड ऑफ द इयर के लिए 5 हजार से ज्यादा नॉमिनेशन मिले थे। इनमें से सिर्फ गीतांजलि को चुना गया। इससे पहले टाइम स्पेशल के लिए उनका इंटरव्यू एक्टर और एक्टिविस्ट एंजेलिना जोली ने लिया था।

नई जेनरेशन कई समस्याओं का सामना कर रही

गीतांजलि ने इंटरव्यू में कहा- हमारी जेनरेशन कई ऐसी परेशानियों से जूझ रही है, जो पहले कभी नजर नहीं आईं। पुरानी समस्याएं भी कायम हैं। एक ओर हम महामारी का सामना कर रहे हैं तो दूसरी ओर मानवाधिकार से जुड़ी समस्याएं भी हैं। क्लाइमेट चेंज और साइबर बुलींग जैसी समस्याओं को हमने पैदा नहीं किया। हालांकि, हमें तकनीक की मदद से इन्हें सुलझाना होगा।

टाइम के कवर पर जगह पाने वाली सबसे कम उम्र की लड़की

गीतांजलि टाइम मैगजीन के कवर पर जगह पाने वाले सबसे कम उम्र की लड़की हैं। पिछले साल क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को 16 साल की उम्र में मैगजीन ने पर्सन ऑफ दी इयर चुना था। मैगजीन 1927 से ही हर साल खास उपलब्धि हासिल करने वाले लोगों को मैन ऑफ इयर चुनती है। हर साल यह अपने कैटेगरी को अपडेट करती है।



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टाइम मैगजीन ने पहली बार अपने कवर पर किसी बच्चे को जगह दी है। इसके लिए पांच हजार नॉमिनेशन में से भारतवंशी गीतांजलि राव को चुना गया। उन्हें किड ऑफ द इयर घोषित किया गया है।


source https://www.bhaskar.com/international/news/gitanjali-rao-indian-american-scientist-named-by-time-magazine-127978100.html
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